कल्पना बनाम सत्य: एक विचारशील मन और उसकी डायरी के बीच बहस || Logomachy between me and my diary.. ||
January 15, 2024
कल्पना बनाम सत्य: एक डायरी संवाद आज उत्तरायण थी, थी इस लिए लिखा क्योंकि यह रात को लिख रहा हूँ, खगोलविद तो हूँ नही …
DILAWARSINH
January 15, 2024
कल्पना बनाम सत्य: एक डायरी संवाद आज उत्तरायण थी, थी इस लिए लिखा क्योंकि यह रात को लिख रहा हूँ, खगोलविद तो हूँ नही …
DILAWARSINH
January 11, 2024
ભારત સામું ભીડવા, ખોંખારા જો ખાય, માઠી બેઠી મોકળી, માલદીવની માંય..! ચીને જરા ચડાવિયું, ત્યાંતો થયું ટટ્ટાર, બાંયુ ચડાવી…
DILAWARSINH
January 10, 2024
એલા એય.. ભારે કરી ગજા..! ગજો : કાં ? હું : દાઢીવાળાએ દાટ વાળી દીધો. ગજો : કોનો પણ.. કાંક માંડી ને કરો ને..! હું : સમાચા…
DILAWARSINH
January 10, 2024
ઘણા દિ થયા નકરું હિન્દી ઠાલવ્યું કાં? જો કે નવું કાંઈ ખાસ ઉકલતુંય નહોતું..! કાલ તાપણું કરતા તા રાતે, જુના ભેરુ.. હ…
DILAWARSINH
January 02, 2024
वृद्धत्व की ओर पहला कदम: "चलता है..." "बस चल रहा है.." या फिर "चलता है.." यहीं …
31 दिनों की डायरी, 31 भावनात्मक मुलाक़ातें... यह किताब उन अनकहे एहसासों की आवाज़ है जो हर किसी के दिल में कहीं न कहीं दबे होते हैं। अगर आपने कभी अकेले में अपने आप से बात की हो, तो ये किताब आपके बहुत क़रीब लगेगी।
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