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मेरी ई-बुक्स


यह पेज दिलावरसिंह की प्रकाशित कहानियों, डायरी, और कल्पनात्मक दुनिया की डिजिटल पुस्तकों का संग्रह है। हर किताब एक यात्रा है। पढ़िए, साझा कीजिए और प्रतिक्रिया देना न भूलिए।


  1. न्यायालय: एक कथा

जब कहानी खुद कठघरे में हो, और लेखक, वकील, जज — सभी प्रतीक बन जाएँ; तब न्याय कैसे मिलेगा? पढ़िए एक रूपक गाथा जो भाषा, भाव और व्यंग्य को मिलाती है।

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