हाँ जी तो करे शुरू? अभी से कह देता हूँ, आगे पढ़ना हो वो अपने रिस्क पर पढ़े.. आगे क्या पता मैं कितनी बीभत्सता को लांघू। मुझे पता है रसोड़े में कौन था.. मेरे मस्तिष्क के रसोड़े में आजकल बांग्लादेशी घुसपैठिये घुसे हुए है। हुआ कुछ यूँ कि सीमा पार के कुछ कुत्ते आ गए और भोंकने लगे.. अब भोंकते कुत्तो को कुचलना हाथी के लिए कोई बड़ी बात नहीं है.. दो सेकंड नहीं लगते.. और पका पपीता पिचक जाए.. लेकिन हाथी इन तुच्छ कुत्तो को इतना भाव नहीं देता..! असम के श्रीभूमि जिले में एक मनसा देवी मंदिर का पुनरुत्थान चल रहा था, वह मंदिर बॉर्डर के बहुत नजदीक है। तो सीमा पार से नरपिशाच जैसे कुछ BGB (बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश) के पिल्ले मंदिर के निर्माण कार्य के पास आ पहुंचे, और काम कर रहे लोगो को रोकने लगे.. वे गधे कहते क्या है पता है? बोले "यह मंदिर हम लोगो के लिए हराम है, और हम इसे वहां से बनता हुआ नहीं देख सकते.." तो अब वहां भीड़ इकठ्ठा होने लगी.. लोगो ने उन BGB वालो को कहा 'अपनी आँखे बंद कर लो अगर नहीं देख पा रहे तो।' मामला और आगे बढ़ सकता था लेकिन मौके पर BSF (बॉर्डर सिक्युरिटी फाॅर्स / सिमा सुरक्षा बल) आ पहुंची। भला हो कुछ ही मिनिटो में BSF पहुँच गई वरना जो संभावनाएं थी वे बड़ी खतरनाख है।
अगर BSF नहीं पहुँचती तो आसामी BGB वालो को कूट देते, अगर BGB वाले कूटाए जाते तो यूनुस भारत के साथ सारे सम्बन्ध तोड़ देता, अब भारत की चारो और पाकिस्तान हो वो तो उतना मजेदार नहीं। देखो हसाने के लिए एक पाकिस्तान काफी है, चारोओर जोकर देखकर भारत अपना पेट नहीं दुखवा सकता। खेर, अब थोड़ी गंभीर बाते कहूं तो एक तो BGB के सिपाही हथियार के साथ भारत की सीमा में आए थे, अंतर्राष्ट्रीय नियम का उल्लंघन है यह। इसे हमले के स्वरुप में गिनकर भारत चाहे तो बांग्लादेशियो को उलटा लटका कर निचे बास्ते जला सकता है, या कैदी के रूप में रखकर इन्हे प्रताड़ित कर सकता था पर हम ठहरे हाथी.. भोंकते हुओ को नजरअंदाज ही करते है।
उनकी सोच की कल्पना करो जरा.. भारत की सीमा में बन रहे मंदिर के निर्माण कार्य को वे लोग सिमा पर ड्यूटी देते समय देखना नहीं चाहते.. कहते है हराम है। अबे तुम हरामी हो। यह तो चोख्खी एक साजिश थी की या कोई BSF वाले या आमलोग कुछ प्रतिक्रिया दे देते तो बांग्लादेशी बिनचुने डिक्टेटर यूनुस को और सम्बन्ध बिगाड़ने का मौका मिल जाए.. कितना घिनौना आदमी होगा वो.. कैसी पॉलिटिक्स कर रहा है। भारत के शत्रुओ को चुन चुन कर बिच में वो कोई अज्ञात हमलावर कूट रहा था, उसे एक बार बांग्लादेश पहुंचा दो कोई..
समय समय की बात है। हसीना शेख अभी कुछ दिन पहले पब्लिक अपीरियंस में आयी थी, टाइमिंग कितनी सही है। जिस बाइडेन के जोर पर यूनुस मियां खट्टे अंगूर तोड़ने के लिए कूद रहे थे वे जो दद्दा तो रिटायरमेंट ले रहे है, उनकी जगह आने वाले चच्चा को इस बांग्लादेशी पर कोई रहम नहीं आने वाला.. अब यूनुस अंगूर तो चखेंगे, पर सारे ही खट्टे होने वाले है। आटे-दाल के लिए भारत का मोहताज 'ना_पाकिस्तान' इनका आका बना बैठा है, अब जैसा गुरु वैसा चेला.. कुछ ही दिनों में इन बांग्लादेशिओ की लुंगी में आग लगेगी.. बाप की मानकर दादा से पंगा नहीं लेते बेटा, दादा बाप का भी बाप होता है..!
तुम्हारे पास है क्या? जूट... २०११ के डेटा के हिसाब से तुमसे ज्यादा जूट का उत्पादन हमारे यहाँ है। बेरोजगारी का रेट तुम्हारा हम से ज्यादा है। इन्फ्लेशन / महंगाई में तुम हमसे दुगने हो। करप्शन इंडेक्स में तुम हमसे भी आगे चलते हो। एनर्जी हम तुमको देते है। अबे तुम जैसे बच्चो को सँभालने के लिए हम क्या खर्चा कर रहे है पता है? हम नेपाल में विद्युत प्लांट बना रहे है, ताकि नेपाल बिजली बेचे.. उसकी बिजली खरीदते भी हम ही है, जबकि हमे कोई जरूरत नहीं है। बस उस नेपाल की इनकम बाँधने के लिए, वो बिजली अडानी तुमको देता है, जिसके अब्जो रूपये तुमने आजतक चुकाए नहीं है। यह तुम लोग को टर्की वाले बायरेक्तर ड्रोन्स को चिकन्स नेक पर सर्विलांस में लगाने की चालबाजियां कर रहे हो ना तो जरा अपने अब्बा से पूछिए, की दादाजी की मार कैसी है?
चलो, आशा अमर है की अपने अब्बा के नक़्शे कदम पर तुम नहीं चलोगे। और चलोगे तो बाद में अपनी गलती पर पश्चाताप करने लायक भी नहीं छोड़े जाओगे। ठीक है, इस लेख के नाम पर थू भेजता हूँ तुम्हे बांग्लादेशिओ...
व्यंग्यात्मक और सटीक 💯
ReplyDeleteइस ब्लॉग में ऐसी कोई पंक्ति नहीं है जहां कोई आपसे असहमत हो सके।
👏🫡
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