कल रात को दिलायरी लगभग सवा दस को दुकान पर बैठे बैठे लिखकर ब्लॉग के ड्राफ्ट में डाल दी थी और शुभरात्रि कह दिया था। लेकिन रात्रि हुई नही थी मेरी। झुकाम के कारण बंद नाक, और सर भारी होने के कारण नींद आ ही नही रही थी। फिर क्या? पढ़ने को कुछ मन करता नही, रील भी देख देख कर कितनी ही देखे कोई? गेम खेलने का भी खास कोई मन था नही। तो मूवी देख ली, 'बेलबॉटम'.. लगभग पौने एक तक पूरी खत्म करके ही सोया था। बकवास मूवी थी, यूँ तो अक्षय कुमार की फिल्में मुझे बड़ी पसंद है। एक्शन और कॉमेडी दोनो ही.. लेकिन यह तो बेकार ही थी पूरी की पूरी.. कहानी के नाम पर वही प्लेन हाईजैक, और फिर कोवर्ट ऑपरेशन..! बचपन मे देखा करते थे ऐसी मूवीज़। अक्षय की मेरी सबसे पसंदीदा मूवी नमस्ते लंदन रही थी। tv पर जब भी आ रही हो, कभी छोड़ी नही मैंने। उसके गाने भी खूब गुनगुनाए है मैंने। लगभग एक बजे फ़िल्म पूरी देखने के बाद नींद जरूर आ गयी।
सुबह नींद में ही माताजी का फोन आ गया था कि रिटर्न टिकिट बुक कर दे मेरी। और मैंने नींद में ही बुकिंग कर दी। लेकिन फिर मुझे नींद आयी नही। तो नहाधोकर फ्रेश हो गया और अभी भी समय हो रहा था सुबह के आठ.. फिर एक घंटे टीवी देखी..! समाचार ही देखता हूँ अब तो ज्यादातर। मेरे बचपन मे हुकुम जब tv पर समाचार देखते रहते तब बड़ा गुस्सा आता था कि यह यही सब क्यों देखते रहते है। आज मैं खुद यही सब देख रहा हूँ। मतलब उम्र के साथ साथ हर कोई बदल जाता है। ऑफिस पहुंचा, कोई भी काम न था पूरे दिन.. उल्टा आज तो न्यूज़ वालो ने हमारे यहां रेड एलर्ट जारी कर रखा है। लू चलने का। तो दोपहर को मैं और गजा ऑफिस में ही पड़े रहे। भूखे.. प्यासे नही कह सकता क्योंकि पानी तो रहता ही है ऑफिस में। क्या कर सकते थे। इतनी कड़क धूप और लू चल रही थी दोपहर को की अगर बाहर निकले तो हाथ की चमड़ी जलने जैसा प्रतीत होता है। कई देर तक जलन अनुभव होती है। शाम हो गयी, रात हो गयी लेकिन आज गर्मी बहुत है।
शाम को घर जाते समय भी pd का ही लेक्चर सुन रहा था। पाकिस्तान में आतंकवादियो ने एक ट्रेन हाईजैक कर ली है। कमाल ही है, कल रात को बेलबॉटम में पाकिस्तानी आतंकवादियो ने भारत का प्लेन हाईजैक कर लिया था, और आज शाम को पाकिस्तान के आतंकवादियो ने एक ट्रेन हाईजैक कर ली। बताओ, ऊपर से पाकिस्तानी सेना हाईजैक की हुई ट्रेन पर ग्रेनेड भी बरसा रही है। कितनी विचित्र बात है, उन्हें भी मालूम तो होगा ही कि ट्रेन में बैठे पैसेंजर है तो उन्ही के नागरिक.. फिर भी हेलीकॉप्टर से ग्रेनेड बरसा रहे थे। क्या होगा इनका। वैसे B.L.A. वाले खुद को स्वातंत्र्य सेनानी कहते है, बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी.. बलोचिस्तान अलग करना है उन्हें। सही है, वैसे भी पाकिस्तानने कब्जाया हुआ है बलोचिस्तान। घर पहुंचा तो दिनभर नाक में रही हड़ताल से निपटने क्लीनिक पर ही चला गया। दवाइयां ले ही ली.. कौन इस झुकाम को लंबा पाले..! वो डॉक्टर भी अतरंगी है.. सीधे कहता है झुकाम दस दिन चलेगा इस मौसम में। दवाइयों से ज्यादा खान-पान पर ध्यान रखो..! बात उनकी भी सही है, रविवार को जलेबियाँ खूब चबाई थी मैंने। मिठाईयां किसे पसंद नही होती, और कण्ट्रोल करने वाली परीस्थिति भी तो नही है मेरी।
खेर, रात लगभग साढ़े ग्यारह आज तो सो ही गया, दवाइयों के जोर से आंखे खूब घिर रही थी। ठीक है फिर,
शुभरात्रि।
(११/०३/२०२५)
उम्र के साथ तो सचमुच चीज़ें बदल जाती हैं, कहाँ बचपन में समाचार देखने को जी नहीं करता था और कहाँ आज एक भी दिन समाचार के बिना जी नहीं लगता ।
ReplyDeleteगर्मियाँ तो इधर भी आ ही गयीं, अच्छी खासी पड़ने लगी है।