हफ्ते के आख़िरी हिस्से में थकान ज़्यादा है या ऊर्जा बाकी है?
प्रियंवदा ! मन पूछ रहा है कि हफ्ते के आखिरी हिस्से में थकान ज्यादा है या ऊर्जा बाकी है? इस प्रश्न का उत्तर तो प्रत्येक भारतीय दे रहा है, 'JOSH IS HIGH SIR..' मामला बड़ा तूल पकड़ गया था कल.. खासकर दो बड़े नेशनल टीवी पर..! मैदानी मामला कुछ भी हो, इन्होने अपने न्यूज़ रूम में पूरा टेन्स्ड माहौल जरूर बना रखा था। मैं भी भूल कर बैठा, और इनके बहकावे में आ गया। रात को साढ़े बारह - पौने एक तक जाग रहा था..! कारण यही, कि ये दोनों बड़े मिडिया हाउस ने लगातार ब्रेकिंग पर ब्रेकिंग दिए थे..!
इस पुरे सप्ताह में मुझे थकान अनुभव हुई ही नहीं है, ऊर्जा मात्र बाकी नहीं है, बढ़ गयी है। सात तारीख को जब ऑपरेशन सिन्दूर हुआ, उसके बाद पाकिस्तान ने मिसाइल्स भेजे, पूंछ पर हमला किया, जम्मू से लेकर कच्छ तक अटैक किया, लेकिन कलमुंहे ने हर जगह मुँह की खायी.. उसका एक भी फुसकीबम अपना कूवत नहीं दिखा पाया.. कच्छ में तो खावडा के पास गिरा हुआ ड्रोन का मलबा देखकर लोग बड़े आश्चर्य में थे कि इसे गिराया गया है, या अपने आप आसमान में ही फटकर गिरा है। एक तो ब्लेकऑउट के कारन पहले ही अँधेरा कर रखा था, और तभी किसी के शादी के कई सारे पटाखे फूटे। मैंने अपने कमरे से बाहर देखा तो आसपड़ोस वाले सब छतो पर खड़े होकर चारोओर देख रहे थे..!
बिफोर एंड आफ्टर..
प्रियंवदा ! अब तो पाकिस्तान से बिफोर एंड आफ्टर वाले वीडिओज़ भी आने शुरू हो चुके है। पहलगाम पर जो लोग हँसी-मजाक बना रहे थे, वे अब भयभीत होकर कहते पाए जा रहे है कि, 'मेरे नानी के घर के पास एनडीआ की मिज़ेल (मिसाइल) गिरी।' बड़ी जल्दी पलटने लगे यह तो.. एकदम से वक़्त, जज्बात सब कुछ बदलने लगा..! एक चीज और, एक तो अपने यह बड़े मिडिया चेनल्स भी कुछ तो अतिश्योक्ति करते है.. बात का बतंगड़ बनाते है, राई का पहाड़ बनाते है..! रात को एक चैनल का तो स्क्रीनशॉट देखा जिसमे लिखा था कि, 'भारत का इस्लामाबाद पर कब्ज़ा..' बताओ, कम से कम नेशनल मिडिया को तो खबर को जांच परख कर बतानी चाहिए? या बस TRP की भूख में भूल जाते हो कि खाना खाने लायक है भी या नहीं? देखो गलत भोजन बाद में पीछे पीड़ा करवाता है।
रातभर यह सब खबरे सुनते हुए सो गया, सुबह यह सोचकर जगा था कि अब पाकिस्तान से वो गाज़ा टाइप की वीडिओज़ आएंगी..! लेकिन एक नहीं आयी.. धीरे धीरे लगने लगा, कि यह युद्ध कहीं सिर्फ उस मिडिया चैनल पर ही तो नहीं हुआ होगा? खेर, लेकिन शाम होते होते आशा लौटने लगी, और भी लोग मेरी तरह असमंजस में दिखे, कि करांची जला है की नहीं..! चलो जो भी हुआ हो, लेकिन भारतीय सेना ने हम पर हुए हमले तो असफल किए ही है, कच्छ पर दागे गए ड्रोन्स जमीनदोस्त जरूर हुए है।
स्वयंभू ब्लैकआउट का पालन..
अभी शाम ढलने आयी है, साढ़े छह बज रहे है। तमाम वॉट्सऐप ग्रुप में मेसज आ चूका है कि आज से स्वयंभू ब्लैकआउट का पालन करना है। गर्मियों के चलते सरकार अपनी और से जरुरत पड़ने पर ही पॉवरकट करेगी, अन्यथा अपने घर की लाइट्स हमे खुद से ही बंद कर देनी है।
प्रियंवदा ! आज एक कड़वा अनुभव भी हुआ। एक व्यक्ति से धंधाकिय बात हो रही थी, तो बातो बातो में यह बात छिड़ गयी कि 'अभी शाम होने को आयी है, जल्दी घर जाना है, मोबाइल वगैरह चार्ज कर लेना और लाइट्स ऑफ कर देना वगैरह वगैरह..' तो मैंने उससे सहसा ऐसे ही कह दिया कि 'हाँ, ये साले पाकिस्तानी बेफालतू में मिसाइलें मार देते है।' तब उसने कहा कि, 'वो तो मारेंगे ही न, अपनी वो दो औरतो ने पहले मारा है तो अब पाकिस्तान भी बदला लेगा ही..' इन शब्दों से मुझे बू आ रही थी, एक धार्मिक लगाव की। तो मैंने भी थोड़ा गुस्से में कह दिया कि 'ख़त्म करो न यह रोज का टंटा.. एक बड़ा आक्रमण ही कर देना चाहिए पाकिस्तान पर।' तो वह तुरंत बोलते अटक गया और बोला कि, 'अरे भाई आराम से, फोन टेप होते है, सीमा पर है हम।'
मुझे समझ नहीं आता कि इस बात में क्या डरना है, यह तो जनादेश है 'पाकिस्तान को सबक सिखाना..!' इसमें टेप होता है तो भी अच्छी बात है, हम कौनसा देश के खिलाफ बोल रहे है? फोन टेप का डर उन्हें होता है जिनके मन में मैल हो। लेकिन अगला धंधार्थी मतलब रखता है, इस कारण से भी इन झमेलों में पड़ना न चाहता हो यह भी संभव है। ऊपर से विधर्मी, इन्हे अलग डर होता है प्रशासन का।
शाम को समाचार से पता चला की ३०० से ज्यादा मिसाइल्स और ड्रोन्स मारे थे पाकिस्तान ने.. यह हमास वाला स्टाइल नहीं लगता? हमास इसी तरह इजराइल पर हमला करता है, एक ही साथ कई सारे ड्रोन्स और मिसाइल्स फेंक दो.. एकाध तो लगेगा यह सोचकर..! बताओ, इनकी तो सेना भी आतंकवादियों से मार्गदर्शन और अनुकरण लेती है। वैसे पाकिस्तानी सेना एक सेना कम और धंधादारी ज्यादा है। पाकिस्तान में ज्यादातर बड़ी व्यापारिक कंपनियां सेना के अफसर ही चलाते है। सैन्य नौकरी तो इनका पार्ट टाइम काम है, मैनली फॉकस तो अपने धंधे पर होता है। तभी तो अपनी भारत की मिसाइलें बड़ी आराम से रावलपिंडी और पेशावर तक गेड़ी मारती है।
पाकिस्तान तो चीख चीख कर कहता कि..
खेर, आज वैसे दिनभर कुछ काम था नहीं, तो बस समाचारों में ही लगा रहा हूँ। और मन है की भरता नहीं। अपनी इस साइट पर भी कुछ बदलाव थोड़ी देर किये, लेकिन मन बस इस भारत पाकिस्तान के तनाव प्रकरण में ही व्यस्त रहना चाहता है। अच्छा एक बात और, कुछ देर पहले कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह एक बार फिर मिडिया समक्ष विवरण देने हेतु प्रस्तुत हुई थी। उन्होंने बताया कि एक तरफ पाकिस्तान यह आकाशमार्गीय हमला कर रहा था, और दूसरी तरफ अपने देश के एयरस्पेस में सिविलयन विमान उड़ाने की परमिशन भी दे देता है। जबकि इन्हे मालूम है, भारत प्रत्येक हमले का प्रत्युत्तर देता है। फिर भी इन्होने अपने एयरस्पेस में यह सिविलयन विमान उड़ने दिया। अगर गलती से भी भारत का कोई मिसाइल या ड्रोन इस सिविलयन विमान से टकरा जाता तो..? सारे विश्व के समक्ष यह पाकिस्तान तो चीख चीख कर कहता कि भारत ने सिविलयन एयरप्लेन को टारगेट किया..!
व्यापारियों ने स्वयंभू ब्लैकआउट के पालन को मानने का मेसेज भी आया है अभी, आठ बज गए है। बस पावरकट होने वाला है, चलता हूँ। शुभरात्रि।
जय हिन्द। जय हिन्द की सेना।
(०९/०५/२०२५)
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સરસ લખી રહ્યા છો....
ReplyDeleteલખતા રહો
- કમલેશ
khoob khoob aabhar bhai..!
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