Google और हमारा रिश्ता
प्रियंवदा ! लोग ख़ामख्वा प्यार के अधूरे रह जाने की फरियादें करते है। मुझे लगता है कि दुनिया प्यार के बिना अधूरी हो न हो, गूगल के बिना जरूर अधूरी है। मुझे यह भी लगता है, कि प्रेमिका के साथ टाइम-स्पेंट करने से ज्यादा बेहतर है, गूगल के साथ टाइम बिताना। देखो, सबसे बड़ा लाभ तो यही है, कि गूगल कभी भी मुँह नहीं फुलाता। दूसरी बात, प्रेम में इंतजार करना पड़ता है। गूगल पलक झपकते ही हाजिर होता है। प्रेमी/प्रेमिका से ज्ञान अर्जित नहीं होता, गूगल ज्ञान का समंदर है। (गूगल से मेरा तात्पर्य यहाँ सर्च इंजन से है..) मैं खुद भी बात बात में गूगल करता हूँ। ज्यादातर मेरे गूगल सर्च आइडियाज के लिए होते है। दिलबाग को अपडेट करने के आइडियाज।
मिनी गार्डन के ख्वाब..
वैसे मैं तो पर्यायवाची शब्द भी खूब खोजता हूँ। क्योंकि मुझे याद नहीं रहते वे। और मैं तो वैसे भी गूगल पर कुछ ज्यादा ही डिपेंडेंड हूँ। छोटी छोटी बाते गूगल को याद करने सौंप देता हूँ। और स्वयं बड़ा ही आज़ाद होने का अनुभव करता हूँ। सवेरे जब ऑफिस पहुंचा, तो काम के नाम पर कुछ थोथे बदलने के सिवा कुछ न था। वो तो मुश्किल से पंद्रह मिनिट का मामला था। निपटा भी दिया। फिर मैं लग पड़ा गूगल के शॉपिंग पेज पर..! फ़िलहाल तो दिलबाग दिमाग में है। क्योंकि घर की छत पर रूफटॉप सोलर तो लग चूका है मेरा। अब उस सोलर प्लांट के निचे काफी स्पेस है, उसे एक मिनी गार्डन में तब्दील करने में लगा हुआ हूँ।
हिम्मते मर्दा तो, मददे...
सवेरे वैसे आज तो ब्रह्म-मुहूर्त में उठ गया था..! सवेरे पांच बजे का अलार्म बजते ही मैं जाग गया। तुरंत कार लेकर निकल पड़ा बस डिपो। रास्ते में जाते जाते हुकुम को फोन मिलाया, तो उन्होंने बताया वे तो अभी भी २० किलोमीटर दूर थे। लगभग आधे घंटे बाद वे पहुंचे। और फिर हम लोग घर। छह बज चुके थे। तो फिर से क्या ही सो लेता.. सो सुबह सुबह सोलर प्लेट्स पर जमी हुई धूल मेरी नजरों में खटक गयी। फिर क्या था, वाटर-पंप मोटर के साथ पाइप जोड़ा, और मोटा छत की बॉउंड्री-दीवार पर चढ़ गया। एक बार तो लगा, कि अगर यहाँ से गिरा, तो लगभग पसलियां टूटेगी। पर हिम्मते मर्दा तो, मददे भगवान..! सारी प्लेट्स पर पानी फेर दिया।
लोग क्या सर्च कर रहे..
यह सोलर प्लेट्स छत से एक तरफ से छह फ़ीट ऊँची है, और दूसरी तरफ से दस-ग्यारह होगी..! तो छपरे जैसा स्ट्रक्चर बन गया है। सोचता हूँ, इस छपरे के निचे आर्टिफिसियल ग्रास बिछा दू, और गमलों की बॉर्डर बना दू.. बिच में दो कुर्सियां, और सोलर वाली फेयरी लाइट्स लगा दू.. तो रात में बैठने के लिए छत पर ही मजेदार जगह बन जाए। तो इसी प्लानिंग का अनुसरण करते हुए, आजकल मेरे गूगल सर्च में आर्टिफीसियल ग्रास, गमले, और वो फेयरी लाइट्स ही दोहराई जाती है। स्नेही से कन्यापूजन पर एक विस्तृत चर्चा के पश्चात खाली समय भरपूर था, तो दिमाग खनका, मैं तो यह सब सर्च कर रहा हूँ, और लोग क्या-क्या सर्च करते होंगे? तो मैंने वह खोज निकाला, कि लोग क्या सर्च कर रहे..
- What to Watch...
प्रियंवदा ! सोचो तो सही.. लोग यह प्रश्न गूगल से कर रहे है। कि मैं क्या देखूं.. अरे भाई, इतना काम तो खुद कर लिया करो.. क्या हम स्वयं से इतना भी डिसाइड नहीं कर सकते, कि मुझे क्या पसंद है, और मुझे क्या देखना चाहिए...! - What is My IP...
हाँ ! यह सवाल तो गूगल से पूछना बनता है। ip माने इंटरनेट एड्रेस.. एक डिजिटल घर का पता। वैसे इंटरनेट का स्त्रोत बदलने से शायद तक एड्रेस भी बदल जाता है। मुझे पक्का याद नहीं है। - What is Today..
यह क्यों पूछा जाता है? वैसे इसके answer तो सबके लिए अलग अलग होंगे.. क्योंकि किसी के कैलेंडर में यह जन्मदिन की तारीख हो सकती है। किसी के मीटिंग की। किसी को कुछ खरीदना होगा इस तारीख पर। या फिर किसी को इस दिन का महत्त्व जानना होगा। - When is Valentine’s Day?
वैसे यह प्रश्न तो गूगल करने की जरुरत शायद उन पढ़ाकू लोगो को पड़ती होगी, जिन्होंने अपने शैक्षणिक काल में एकमात्र पढाई पर ध्यान केंद्रित किया हो। थ्री इडियट्स के चतुर टाइप लोग। - How many inches in 1 feet?
हाँ ! यह थोड़ा जरुरी है, लंबाई की जानकारी होना आवश्यक है। लेकिन यह माप तो शायद शाला में सिखाया गया था। लेकिन लंबे समय के बाद लोग भूल जाते है। मैं भी भूल चूका था, लेकिन अब मैं जिस क्षेत्र में हूँ, वहां तो इसके अलावा और भी गाणितिक सूत्र याद रखने पड़ते है। जैसे की 3.28 से गुना करने पर मीटर का फ़ीट बनता है। इंच और फ़ीट में नपी लंबाई, चौड़ाई, और मोटाई का गुना करने के बाद 144 से भाग करने से घनफीट बनता है.. वगैरह वगैरह..! - Why is the sky blue?
यह सर्च करने वाला तो पक्का विज्ञान का खंड छोड़ गया होगा उस दिन। हवा के सूक्ष्म अंश नीली रौशनी को ज्यादा स्कैटर करते है। तो आसमान नीला दिखाई पड़ता है। अगर यह पल्ले न पड़ा हो तो सिम्पल जवाब तो यही बनता है, कि एक दिन भगवानने पेंटर्स को नीला रंग दिया था, और आसमान नीला हो गया। - How to tie a tie?
यह तो मुझे भी आजतक बांधनी नहीं आयी। क्योंकि अपन पढ़े है, सरस्वती विद्यामंदिर से। और वहां अपन करते थे पाश्चात्य संस्कृति का विरोध। तथा विदेशी वस्तुओं की होली, एवं बहिष्कार भी। तो इस कारण से कभी भी टाई बाँधने की न नौबत आयी, और न ही इच्छा ही पनपी। लेकिन सीखना चाहिए। क्योंकि सीखा हुआ कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। - How to take a screenshot?
यह वाला तो प्रत्येक नए फोन में, एक न एक बार तो गूगल करना ही पड़ता है। और कंप्यूटर पर भी। मुझे तो कंप्यूटर पर भी बहुत सारे स्क्रीनशॉट्स लेने होते है। लेकिन भला हो इन कम्पनी वालों का। इन्होने कीबोर्ड पर ही एक स्पेशल key दे रखी है, स्क्रीनशॉट लेने के लिए। - What song is this?
अरे हाँ! गूगल के पास यह भी एक फीचर है। गाने के बोल याद नहीं है, तो धून गुनगुनाने से भी वह गीत को प्रस्तुत कर देता है। मैंने एक बार उसके mic पर ट्राई किया था। दो-तीन प्रयास में सफलता भी मिली थी। हालाँकि, कईं बार मुझे यह भी लगता है, अपने बॉलीवुड में कुछ गाने भी तो ऐसे है, जिनके बोल समझ नहीं आते, लेकिन मजेदार जरूर होते है। जैसे कि, "धूम-तानाना-धूम.. या फिर, कोला लाका वेल्लारी.." - How to lose weight fast?
यह वाला सर्चिंग तो मुझे भी करना चाहिए। वैसे मैंने किया भी था। लेकिन उसके उत्तरों का मैं तो आजतक अनुसरण नहीं कर पाया। क्योंकि अपन को आती है आलस.. मेहनत की मचमच में मजा नहीं आता अब। - How many weeks in a year?
इसका जवाब तो मुझे भी नहीं पता। रूको, गूगल कर लेता हूँ। अच्छा, 52 हप्ते और 1 दिन.. और leap year हो तो 2 दिन बढ़ जाए। मतलब 53 हप्ते भी हो जाते है। - How to make money online?
आजकल ऑनलाइन मनी छापने का जमाना है प्रियंवदा। बहुत से लोग ऑनलाइन कुछ न कुछ काम करते है। और घर बैठे पैसे कमाते है। और इस घर बैठे पैसे कमाओ वाली स्कीम में गंवाते भी बहुत है। वैसे तुम्हे क्या लगता है? टिफिन लेकर घर से बाहर कमाना चाहिए, या घर बैठे..? मैं तो सेकंड ऑप्शन ही पसंद करता। - How to improve English fast?
यह वाला प्रश्न मेरा भी है। मेरा भी अंग्रेजी में थोड़ा हाथ तंग है। शाला में कभी ध्यान दिया नहीं। तब इस भाषा की अहमियत, पता भी तो नहीं थी। तब कहाँ पता था, कि यह वैश्विक भाषा का आगे कितना काम पड़ेगा। वैसे मैं जब कॉलेज गया, तब "स्पोकन इंग्लिश" क्लासेज की बोलबाला अलग लेवल पर चलती थी।
प्रियंवदा ! सोचो तो सही.. लोग यह प्रश्न गूगल से कर रहे है। कि मैं क्या देखूं.. अरे भाई, इतना काम तो खुद कर लिया करो.. क्या हम स्वयं से इतना भी डिसाइड नहीं कर सकते, कि मुझे क्या पसंद है, और मुझे क्या देखना चाहिए...!
हाँ ! यह सवाल तो गूगल से पूछना बनता है। ip माने इंटरनेट एड्रेस.. एक डिजिटल घर का पता। वैसे इंटरनेट का स्त्रोत बदलने से शायद तक एड्रेस भी बदल जाता है। मुझे पक्का याद नहीं है।
यह क्यों पूछा जाता है? वैसे इसके answer तो सबके लिए अलग अलग होंगे.. क्योंकि किसी के कैलेंडर में यह जन्मदिन की तारीख हो सकती है। किसी के मीटिंग की। किसी को कुछ खरीदना होगा इस तारीख पर। या फिर किसी को इस दिन का महत्त्व जानना होगा।
वैसे यह प्रश्न तो गूगल करने की जरुरत शायद उन पढ़ाकू लोगो को पड़ती होगी, जिन्होंने अपने शैक्षणिक काल में एकमात्र पढाई पर ध्यान केंद्रित किया हो। थ्री इडियट्स के चतुर टाइप लोग।
हाँ ! यह थोड़ा जरुरी है, लंबाई की जानकारी होना आवश्यक है। लेकिन यह माप तो शायद शाला में सिखाया गया था। लेकिन लंबे समय के बाद लोग भूल जाते है। मैं भी भूल चूका था, लेकिन अब मैं जिस क्षेत्र में हूँ, वहां तो इसके अलावा और भी गाणितिक सूत्र याद रखने पड़ते है। जैसे की 3.28 से गुना करने पर मीटर का फ़ीट बनता है। इंच और फ़ीट में नपी लंबाई, चौड़ाई, और मोटाई का गुना करने के बाद 144 से भाग करने से घनफीट बनता है.. वगैरह वगैरह..!
यह सर्च करने वाला तो पक्का विज्ञान का खंड छोड़ गया होगा उस दिन। हवा के सूक्ष्म अंश नीली रौशनी को ज्यादा स्कैटर करते है। तो आसमान नीला दिखाई पड़ता है। अगर यह पल्ले न पड़ा हो तो सिम्पल जवाब तो यही बनता है, कि एक दिन भगवानने पेंटर्स को नीला रंग दिया था, और आसमान नीला हो गया।
यह तो मुझे भी आजतक बांधनी नहीं आयी। क्योंकि अपन पढ़े है, सरस्वती विद्यामंदिर से। और वहां अपन करते थे पाश्चात्य संस्कृति का विरोध। तथा विदेशी वस्तुओं की होली, एवं बहिष्कार भी। तो इस कारण से कभी भी टाई बाँधने की न नौबत आयी, और न ही इच्छा ही पनपी। लेकिन सीखना चाहिए। क्योंकि सीखा हुआ कभी भी व्यर्थ नहीं जाता।
यह वाला तो प्रत्येक नए फोन में, एक न एक बार तो गूगल करना ही पड़ता है। और कंप्यूटर पर भी। मुझे तो कंप्यूटर पर भी बहुत सारे स्क्रीनशॉट्स लेने होते है। लेकिन भला हो इन कम्पनी वालों का। इन्होने कीबोर्ड पर ही एक स्पेशल key दे रखी है, स्क्रीनशॉट लेने के लिए।
अरे हाँ! गूगल के पास यह भी एक फीचर है। गाने के बोल याद नहीं है, तो धून गुनगुनाने से भी वह गीत को प्रस्तुत कर देता है। मैंने एक बार उसके mic पर ट्राई किया था। दो-तीन प्रयास में सफलता भी मिली थी। हालाँकि, कईं बार मुझे यह भी लगता है, अपने बॉलीवुड में कुछ गाने भी तो ऐसे है, जिनके बोल समझ नहीं आते, लेकिन मजेदार जरूर होते है। जैसे कि, "धूम-तानाना-धूम.. या फिर, कोला लाका वेल्लारी.."
यह वाला सर्चिंग तो मुझे भी करना चाहिए। वैसे मैंने किया भी था। लेकिन उसके उत्तरों का मैं तो आजतक अनुसरण नहीं कर पाया। क्योंकि अपन को आती है आलस.. मेहनत की मचमच में मजा नहीं आता अब।
इसका जवाब तो मुझे भी नहीं पता। रूको, गूगल कर लेता हूँ। अच्छा, 52 हप्ते और 1 दिन.. और leap year हो तो 2 दिन बढ़ जाए। मतलब 53 हप्ते भी हो जाते है।
आजकल ऑनलाइन मनी छापने का जमाना है प्रियंवदा। बहुत से लोग ऑनलाइन कुछ न कुछ काम करते है। और घर बैठे पैसे कमाते है। और इस घर बैठे पैसे कमाओ वाली स्कीम में गंवाते भी बहुत है। वैसे तुम्हे क्या लगता है? टिफिन लेकर घर से बाहर कमाना चाहिए, या घर बैठे..? मैं तो सेकंड ऑप्शन ही पसंद करता।
यह वाला प्रश्न मेरा भी है। मेरा भी अंग्रेजी में थोड़ा हाथ तंग है। शाला में कभी ध्यान दिया नहीं। तब इस भाषा की अहमियत, पता भी तो नहीं थी। तब कहाँ पता था, कि यह वैश्विक भाषा का आगे कितना काम पड़ेगा। वैसे मैं जब कॉलेज गया, तब "स्पोकन इंग्लिश" क्लासेज की बोलबाला अलग लेवल पर चलती थी।
भारतीय गूगल सर्च के मामले में...
वैसे यह तो समस्त गूगल का निचोड़ का कुछ अंश था, प्रियंवदा। लेकिन जब से भारतियों के हाथ में फोन आया है। मुझे लगता है, गूगल की सबसे ज्यादा बेंड हम लोगो ने ही बजा रखी है। भारतीय गूगल सर्च के मामले में अव्वल आते होंगे शायद.. क्योंकि एक तो हमारी इतनी ज्यादा पॉपुलेशन.. ऊपर से लगभग हर किसी के पास स्मार्टफोन है। तो मैंने गूगल से ही पूछा, कि बता भारतीय लोग क्या पूछ रहे है तुझ से...
- How to Create Ghibli Image...
बताओ प्रियंवदा ! यह प्रश्न गूगल पर सबसे ज्यादा पूछा गया था, "How to.." search term में..! वैसे उस घिब्ली ट्रेंड ने तो सारा ही भारत हिला दिया था बगैर भूकंप के ही। जिसे देखो वह अपने आप का ही कार्टून देखना चाहता था। एक समय था, अगर किसी को 'कार्टून जैसा' बोल देते थे, वो मारने को दौड़ता था। लेकिन इस ट्रेंड के तहत कितने सारे लोगो ने अपनी कार्टून इमेज बनवायी थी। - How to Train Your Dragon..
यह मूवी या वेब सीरीज़ थी.. लोगो ने काफी सर्च की। पहले यह एनिमेटेड मूवी थी। - How to Clear Cache in Chrome..
यह तो ज्ञान की बात है, और जरुरी भी है। cache इकठ्ठा हो जाते है, तो ब्राउज़र को धीमा कर देते है।
बाकी ज्यादातर भारतीय क्रिकेट का टाईमटेबल ही सर्च करते है। और साथ ही साथ स्कोर..! और उतने ही लोग चुनाव के परिणाम भी सर्च करते है। 2024 में तो heatwave और नीरज चोपड़ा का भाला ही छाया रहा था। नीरज लिखते ही चोपड़ा तो गूगल ही जोड़ देता था। और हाँ, वो कुछ वयस्क लोगो के आत्मसंतोष की प्रवृति भी खूब सर्च होती है। क्योंकि यह भी सर्च तो गूगल पर ही करते है लोग। भले ही सरकार ने बैन लगा रखा हो।
खेर, मुझे अभी तक मेरे संतोष के गमले, आर्टिफीसियल ग्रास मिले नहीं है गूगल पर। जितने देखे है, उनके रेटिंग्स सही नहीं है। यही हाल है प्रियंवदा। यह गूगल भी तुम्हारी तरह बस ऊपरी-ऊपरी प्रेम दर्शाता है। भीतर से तो यह भी खाली का खाली ही है। यह दीखता है, दिखाता है, बाते करता है, मन बहलाता है। लेकिन यह कभी भी परम-मित्र नहीं बन सकता। यह कभी भी प्रेयसी का स्थान नहीं ले सकता, यह अथाह ज्ञान का भंडार होने के बावजूद खुद से कभी भी मानवता के पर नहीं जा सकता। रहेगा हमेशा ही मानवों के आधीन।
शुभरात्रि।
०२/०९/२०२५
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