मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! || Day 23 || खुद से मिला एक दोस्त..

0

 मैं खुद से मिलने निकला हूँ..!



Date  - 30/09/2025
Time & Mood -14:39 || उत्साही

खुद से मिला एक दोस्त..

    प्रिय ! एक समय था, जब मैं हर बात के लिए किसी ओर की तरफ देखता था। मेरे अनसुलझे प्रश्नों के लिए भी, और मेरे विचारों पर भी मुझे अविश्वास हुआ था। मुझे सहमतियां और अनुमतियाँ चाहिए होती थी। यह बहुत ज्यादा परेशां कर देने वाली समस्या है। जब आपको कोई न कोई चाहिए होता है, जो सुनें.. सिर्फ सुनें..!

    अपने भीतर अपना सबसे सच्चा दोस्त बैठा है। वह हमें हर बार सही और सटीक सलाह देता है। लेकिन उसकी हम सुन तो पाते है, लेकिन समझ नहीं पाते। या फिर कुछ घटित होने के बाद समझ आता है। उसकी बात सुन ली जाती समय पर, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती। जब खुद से ही खुद की दोस्ती हो जाए, फिर कभी अकेलापन काटता नहीं है। अकेले होकर भी भीतर के मित्र से बातचीत चालू रहती है। 

    अपनी मुस्कान किसी और की मोहताज नहीं रहती। खुद से बातें करनी आ जाए फिर ख़ामोशी बोझ नहीं लगती। मैंने भी बड़ी मुश्किल से सीखा था, अपने आप में व्यस्त रहना। अपने आप को सुनना, उस समय भी, जब भीड़ किसी और के स्वर को उत्साहित थी। 


एक सवाल :

    अपने आप से मैत्री बाँधने में इतना समय कैसे लग जाता है? स्वयं को अनसुना करने से खुद को रोकने में ही देर क्यों नहीं लगती?

सबक :

    खुद से जब यह दोस्त मिला, तो कईं सारे प्रश्नों का भीतर ही समाधान हो गया। उन प्रश्नो का भी, जो कभी भीड़ में केंद्र में रहकर भी उठते थे। 


अंतर्यात्रा :

    अपनी लाक्षणिकताओं से रूबरू होना, अपने आप को समझ लेना ही सबसे बड़ी सिद्धि है। 


स्वार्पण :

    नहीं, यह स्वार्थ नहीं, या घमंड नहीं। आत्मबोध है। मैं क्या हूँ, और क्या कर सकता हूँ, यह मेरे भीतर बैठा मेरा मित्र मुझे हमेशा अवगत कराता है। 


मैत्री की शुरुआत पहचान से होती है। और शायद पहली पहचान तो स्वयं से ही है..!


वही,
जो अब एकांत में अलमस्त है..


***


#Day23 #DilawarsinhDiaries #Dilaayari #LetterToSelf #MainKhudSeMilneNiklaHoon #Priyamvada #AntarYatra #SelfAndSoul #UnspokenFeelings #LostInMe #InnerLight #DiaryOfLove #KhudSeMilaEkDost

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)