वास्तव में यही भारतीयता है..
प्रियंवदा ! हम भारतवासी शायद किसी को समझ नहीं आएँगे। हमे समझ पाने का सामर्थ्य शायद किसी में होगा क्या? बात ऐसी है, भारत-पाकिस्तान के बिच भारी तनाव चल रहा है। और ट्वीटर पर तो यह उससे भी भारी मात्रा में तनाव चलता है। हुआ ऐसा कि ऑपरेशन सिन्दूर के बाद वो हैदराबादी असदुद्दीन ने 'भारत जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए, तो उस विडिओ क्लिप पर किसी पाकिस्तानी ने कमेंट किया कि, 'पाकिस्तान अब हिन्दुओ के साथ साथ तुम (मुस्लिमो) को भी मारेगा..!' उस पाकिस्तानी के कमेंट के रिप्लाई में एक हिन्दू ने कहा, 'मारेंगे तो तुझे हम, यह हमारा मुल्ला है जैसा भी है..' मेरी हँसी नहीं रूक रही प्रियंवदा..! यूँ तो हमे यह असदुद्दीन जरा रास नहीं आता, लेकिन जब बात बाहर की हो तो यह असदुद्दीन भी हमारा ही है। उस पर कोई ऊँगली नहीं उठा सकता.! वास्तव में यही भारतीयता है।
प्रियंवदा ! आज तो काम था.. फ्री ही था ऐसा नही कह सकता। सुबह ऑफिस पहुंचने में बड़ा लेट हो गया था। दो-तीन राते छत पर सोया था तो अब घर मे नींद बार बार टूटती है। मौसम बादलों ने घेर लिया है, कब बरस पड़े..! नींद पूरी नही होती, तो सुबह समयसर जाग नही पाता। घर से निकलकर जगन्नाथ, दुकान और फिर ऑफिस। साढ़े नौ बजे पहुंचा तब मैं ही लेट था.. सरदार आ गया था, गजा और बुधा दोनो ही छुट्टी पर थे एक साथ.. इसी कारण से थोड़ा काम भी बढ़ा। कुछ बिलिंग्स थी, कुछ हिसाब किताब भी..! वैसे आज रीच बढ़ाने के लिए भी मेहनत की है। ऑपरेशन सिंदूर वाली पोस्ट को स्नेही के साथ शेयर की, इंस्टा पर स्टोरी में लगाई, और भी बहुत जगहों पर शेयर की है। और दिनों के मुकाबले इस पर व्यूज भी अच्छे आए।
पूंछ में आग लगने के बाद लंका ही जलती है..
वैसे ट्रेंडिंग टॉपिक पर ही पोस्ट थी, व्यूज आने ही थे। जिस चीज पर बहुत सारे लोग बात कर रहे हो उस पर आप अपना मंतव्य रखो तब अन्य लोग भी उसमे रस लेते ही है। प्रियंवदा ! पूंछ में पाकिस्तानियों ने भारी तबाही मचा दी.. इन लोगो मे ऐसे ही नैतिकता होती ही नही है, और अपनी जाहिल प्रजा को राजी रखने के लिए पूंछ में आग लगाने पर तुले है। इन्होंने रामायण पढ़ी नही होगी। हनुमानजी का नाम तो सुना होगा कमसे कम.. उन्हें ही याद कर लेते, पाकिस्तानियों, तुम तो यूँ समझो कि हनुमानजी को सिंदूर तो लग गया, अब तुम यह जो पूंछ में आग लगा रहे हो, तो बेटा जी पूंछ में आग लगने के बाद लंका ही जलती है.. इस केस में लंका है पाकिस्तान, और पूंछ जल रहा है..!
सुबह सुबह समाचार देख रहा तो मीडिया वाले बता रहे थे कि, लाहौर में एक बिल्डिंग पर धमाके हुए है। न्यूज़ वालो को भी पता नही था कि लाहौर में किसने धमाके किये। इस सरकार की यह बात बड़ी मजेदार है कि कोई भी कदम उठाया हो तो उसे क्लेम करने में बड़ा समय लगाते है, सस्पेंस खूब बनाए रखते है। बड़ी देर से जाहिर करते है कि, 'हां भाई ! फलाना काम हमने ही किया है।' पहले दुश्मन जाहिर कर देता है कि 'हमारे यहां ऐसा हुआ है..' तब अपने वाले गला खखेरते कहते है, 'रात को आए थे, तुम सोए हुए थे तो जगाना पड़ा।'
सुदर्शन चक्र..
खेर वो लाहौर, रावलपिंडी और करांची तक भारत ने मिसाइल्स और ड्रोन्स मारे थे। क्योंकि रात को पाकिस्तान की ओर से जम्मू से लेकर भुज तक मिसाइल्स दागे गए थे। इन्हें पता है कि भारत के पास चाइनीज़ नही रशियन एयर डिफेंस सिस्टम है तब भी यह गधा-बुद्धि हमला जरूर करते है। रशियन एयर डिफेंस सिस्टम बहुत बार बेटल टेस्टेड है। जबकि चाइनीज़ सिस्टम उतने प्रभावशाली नही है। और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो कोई अफ्रीकन देश यह चाइनीज़ सिस्टम खरीद रहा होगा तब भी मना कर देगा कि इस सिस्टम को तो भारत वालो ने कानोकान खबर नही होने दी। हमने रशियन एयर डिफेंस सिस्टम को सुदर्शन चक्र नाम दिया है। यह 360° में आते दुश्मन डिटेक्ट कर लेता है। जैसे सुदर्शन 360° वार करता है, ठीक वैसे ही यह सिस्टम भी प्रत्येक दिशा से आते मिसाइल, ड्रोन या फाइटर जेट को मार गिरा सकता है।
दोपहर को थोड़ा मार्किट का काम था तो मार्किट चला गया था, और घर पर खाना भी खा आया। लंच के बाद भी कुछ गाड़ियां थी, जिनके हिसाब किताब करने थे। गाड़ियों से याद आया, आज कहीं बैठा था तो कुछ ड्राइवर लोग बाते कर रहे थे, जानने को मिला कश्मीर जा रहे है। लगभग ड्राइवर बाड़मेर के थे उनमें से। मैंने स्टेशन पूछ लिया कि कहां जाओगे, तो कोई अनंतनाग, कोई बांदीपुर, तो कोई श्रीनगर भी जा रहा था। ऐसे तनाव के बीच भी यह ड्राइवर लोग मालसामान की हेरफेर करते है। मैंने सहसा पूछ लिया कि अगर कुछ हो जाए तो? उसने बताया वे लोग आगे पीछे के ड्राइवर्स से कनेक्टेड रहते है, आगे कुछ हुआ तो भी खबर मिल जाती है, पीछे कुछ हुआ तो भी समाचार मिल जाते है।
'वांदरा छे आ मारा हाळा..'
शाम को घर आते आते समाचार सुन रहा था, एक तो हमारे यहां इस बिनमौसम बारिश ने परेशान कर रखा है, ऊपर से यह पिग्गिस्तान कि फुस्स मिसाइलों का खतरा बना हुआ है.. कुछ देर पहले tv पर ब्रेकिंग न्यूज़ पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलने लगी, जम्मू, उधमपुर, पठानकोट पर पाकिस्तान ने हमला किया। हुकुम भी बोल पड़े, 'वांदरा छे आ मारा हाळा..' (बंदर है ये मेरे साले) मैंने उनकी ओर देखा तो उन्होंने बताया, 'पहले अपनने मिसाइल मारी आतंकी ठिकानों पर, तो कल रात उन लोगो ने मारी, उनवाली को अपनी डिफेंस सिस्टम ने रोक लिया और बदले में इस बार अपने वालो ने ड्रोन दे मारे ये करांची और वो क्या है.. लाहौर पर। अपने वाले अचूक लगे, तो अब उन गधों ने फिर से नकल करते हुए ड्रोन्स मारे है, अपने वाले फिर रोक लेंगे..' तभी टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ आयी, पाकिस्तान के 3 फाइटर जेट और कुछ 20-30 ड्रोन मार गिराए भारत ने..! मैं और हुकुम एक साथ बोल पड़े, 'जय हिंद..'
अभी ग्राउंड में बैठने आ रहा तो कुछ लड़के इस तनावपूर्ण स्थिति में भी आईपीएल के मजे ले रहे थे.. तो मुझे लगता है कि इन लोगो मे ऐसी खबरों प्रति इतनी बेदरकारी कैसे हो सकती है? राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा इन्हें आईपीएल में रस है.. 'आसमान में लगातार जेट्स घूमते सुनाई पड़ रहे है..' लेकिन यह मेरा भ्रम है, यह हकीकत में हाइवे पर लगातार गुजरते ट्रक्स के टायर का रोड के साथ घर्षण की आवाजें है, जो इस शांतिपूर्ण माहौल में बिल्कुल गरजते जेट्स का भ्रम पैदा कर रहे है। हाँ ! जब इन ट्रक्स के टायर फटते है तो कान जरूर से खड़े हो जाते है कि काहेकि आवाज थी यह? वैसे हमारे यहां स्थिति सामान्य है फिलहाल, लेकिन यह युद्ध ज्यादातर रात्रि में होते है, लगभग 1 से 3 के मध्य। दिनभर बाजारों में चहलपहल कम ही दिखती है, गर्मी ही मुख्य कारण है। गर्मी भी आज तो बारिशों वाली अनुभव की है.. बरसात के बाद पानी से उठती भांप हो वैसी गर्मी.. आदमी का पानी सोख ले ऐसी गर्मी..!
हो गया ब्लैकआउट प्रियंवदा !
अपने यहां भी। आज की रात अब भारी है, पाकिस्तान के लिए। जिस तरह से इन लोगो ने हमला किया है। अटैक बड़ा था लेकिन नाकाम रहा.. बदले में भारतीय एयरफोर्स ने उड़ाने भरी थी, वे जरूर से रातभर पाकिस्तान से सुहागरात करेंगे.. इन पाकिस्तानियों ने ट्विटर पर बड़ी भद्दी बात लिखी थी, 'सिंदूर का बदला... सुहागरात.. भारतमाता..!' यह जाहिल कौम भूल चुकी है कभी वे भी इसी भारतमाता की आँचल तले थे.. मैं आज भी अपनी बात पर अडिग हूँ, यदि भारत पाकिस्तान की भूमि पर कब्जा करता है तो बस वहां के जाहिलो को जहन्नम भेजने के बाद ही..!
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दो तीन बातें करनी है..
रात्रि के बारह बज चुके है प्रियंवदा ! ब्लैकआउट के कारण लाइट नही है। ग्राउंड में बैठा था, और अचानक से लाइट्स कट गई, तुरंत फोन पर न्यूज़ देखी, भारत ने एक बड़ा मिलिट्री ऑपरेशन किया है पाकिस्तान पर। पाकिस्तान ने ही शुरू किया था, पूंछ, पठानकोट, उधमपुर, और जम्मू पर मिसाइल्स और ड्रोन अटैक किया था तो भारत का प्रत्युत्तर तय ही था। अंदाजा तो था कि अपन भी बॉर्डर से नजदीक है इस कारण से रेड़जोन कहो या वॉरज़ोन.. इसी में आते है। वैसे तो 70-80 किलोमीटर पड़ता है पाकिस्तान, लेकिन उसे बड़े शहर से दूरी ज्यादा है। भारत के अभी चल रहे ऑपरेशन पर लाइव समाचार तो बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बोलते है। लेकिन मैं सिर्फ काम की जानकारियां ले लेता हूँ, बाकी बकवास म्यूट..! एक बात सोचने लायक है इस बार। भारत ने कभी भी किसी पर इस तरह पहला बड़ा अटैक नही किया है। हर बार हम डिफेंस करते है।
दो तीन बातें करनी है इसी कारण से वापिस इस ड्राफ्ट में लौटा हूँ। पहली बात, अपने यहां लोगो को अभी तक ब्लैकआउट का मतलब समझ नही आया है। मॉकड्रिल को गंभीरता से नही लिया है। ब्लैकआउट का अर्थ होता है आपको माचिस से एक तिल्ली भी नही जलानी है। लाइट चली जाती है, और आपके घर पर इन्वर्टर लगा हुआ है तो यह आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आपको सारी लाइट्स खुद से बंद कर देनी है। लेकिन अपने यहां लोग लाइट न होने के कारण घर की छतों पर मोबाइल से फ्लैशलाइट ऑन करते है, मोबाइल चलाते है। युद्ध सिर्फ सेना नही लड़ती कभी.. एक एक नागरिक का योगदान होता है। शिस्त, अनुशासन अनिवार्य है।
दूसरी बात, एक तो यह मीडिया वाले इतने राजी क्यों हो जाते है? युद्ध की स्थिति में गंभीर रहना चाहिए, यह तो जीत का जश्न मनाते है लाइव टीवी पर। इन्हें यह भी नही समझ आता है कि अपने फाइटर जेट्स दुश्मनों के बीच कार्यवाही कर रहे है, एक एक फाइटर पायलट का जीव अभी तक दुश्मनों की भूमि पर है। वह लड़ रहा है, अपना जी-जान लगा रहा है और तुम बस कह देते हो कि यह गिरा पाकिस्तान का जेट, यह गिरा दुश्मन का ड्रोन.. भाईसाहब, जब तक अपना पायलट वापिस नही लौट आता तब तक तो कमसे कम अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखो। या तुमने यह सोच लिया है कि एक सैनिक पैसे लेकर लड़ने वाले व्यक्ति मात्र है? मैने कइयों को सुना है, मैं खुद भी कई बार बोल जाता हूं, कि सेना है, देख लेगी। लेकिन उस सेना का पीठ बल हम स्वयं है यह हमारी नैतिक समझ होनी चाहिए। सैनिक अपनी छाती आगे करता है तो उसकी पीठ की रक्षा हमे करनी होती है। न की न्यूज़रूम में बैठकर ठहाके लगाना। जब तक सैन्य कार्यवाही से अपने सैनिक लौट नही आते तब तक गंभीरता होनी चाहिए।
एक और बात, जो मुझे समझ नही आई। मैं लगातार समाचार सुन रहा हूँ। अलग अलग माध्यमो से। भारत ने यह जो इतनी बड़ी कार्यवाही की है तो क्या पाकिस्तानी एयरफोर्स ने कुछ भी एक्शन नही लिया होगा? उनकी और से कोई भी खबर नही मिल रही.. मैं नही चाहता कि इस कार्यवाही में अपना एक सैनिक घायल भी हो। लेकिन यह एकतरफा बातें मुझे समझ नही आ रही और मेरा फ्रस्ट्रेशन बढ़ता जा रहा है। शाम को ही कच्छ के मछवारो को समंदर में जाने की मनाही थी। और कुछ देर पहले ही समाचारों में सुना, करांची जला दिया नौ सेना ने एक बार फिर से। पाकिस्तान के पास एयर डिफेंस सिस्टम नामकी चीज है भी या नही? न तो यह लोजी मिसाइल रोक पाते है, न ही ड्रोन्स, और ना ही फाइटर जेट्स.. अच्छा है, बहुत अच्छा है। साढ़े बारह हो चुके है प्रियंवदा। नींद आने का नाम नही ले रही। नही आएगी। उत्साह अपने चरम पर है। मैं बार बार समाचार देख रहा हूँ, बस इसी कारण से की हमारे जवान सुरक्षित होने चाहिए। शायद सारे भारतीय यही चाहते है।
जय हिंद.!
(०८/०५/२०२५)
क्या आपने दिलोदिमाग की बातें पढ़ी? (यहाँ पढ़िए)
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हमारे जवान बिलकूल सुरक्षित होगे......
ReplyDeleteसब सही होगा...
Bilkul, Aur jald se jald Pakistan ko apni bhool ka anubhav bhi hoga..!
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