जिम्मेदारियों का बोझ, समय का मूल्य और मनुष्य की आपमतलबी || दिलायरी : 30/10/2025
October 31, 2025
जिम्मेदारियों का अंतहीन सिलसिला प्रियम्वदा ! कितना सही होता, अगर हम अपनी जिम्मेदारियों से बच सकते। ना कमाने क…
DILAWARSINH
October 31, 2025
जिम्मेदारियों का अंतहीन सिलसिला प्रियम्वदा ! कितना सही होता, अगर हम अपनी जिम्मेदारियों से बच सकते। ना कमाने क…
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October 31, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 03/10/2025 Time & Mood -11:04 || प्रत्युत्तर से विमुख.. नए लम्हे का पहला कद…
DILAWARSINH
October 30, 2025
सुबह की शुरुआत – बारिश, ट्रैफिक और थकान प्रियम्वदा ! अति हो चली है.. सुबह से लेकर शाम तक..! दिलायरियाँ लिखने का…
DILAWARSINH
October 30, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 30/09/2025 Time & Mood -14:39 || उत्साही खुद से मिला एक दोस्त.. प्रिय !…
DILAWARSINH
October 29, 2025
दिलायरी : मावठु, मन और भूल प्रियम्वदा ! कईं बार हम और कुछ करने में इतने ज्यादा मशगूल हो जाते है, कि हमें जो क…
DILAWARSINH
October 29, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 26/09/2025 Time & Mood - 12:30 || अस्थिर और अव्यवस्थित.. जो तुम जैसे ही हो.…
DILAWARSINH
October 28, 2025
भीमाशंकर के वन से लौटकर — मन वहीं अटका है प्रियम्वदा ! तीर्थक्षेत्रों में घूम तो आया हूँ मैं, लेकिन शरीर यहा…
DILAWARSINH
October 28, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 15/09/2025 Time & Mood -10:19 || अजीब और अनसुलझा.. एक बार खुद को गले लगा लो…
DILAWARSINH
October 27, 2025
सफर की थकान और मुस्कान धूल भरा रास्ता, सीखों से चमकता मन प्रियम्वदा ! हम उस समाज मे रहते है, जहां हमें रिश्ते…
31 दिनों की डायरी, 31 भावनात्मक मुलाक़ातें... यह किताब उन अनकहे एहसासों की आवाज़ है जो हर किसी के दिल में कहीं न कहीं दबे होते हैं। अगर आपने कभी अकेले में अपने आप से बात की हो, तो ये किताब आपके बहुत क़रीब लगेगी।
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