प्रेम की प्रताड़ना, मोह का वर्तुल और थेपला वाली फ्लाइट — एक दिलायरी || Today I read some very powerful lines..
December 31, 2024
प्रेम, प्रताड़ना और मोह – जब समर्पण विवेक हर ले प्रियंवदा, प्रताड़ना शाश्वत है..! प्रताड़ना प्रेम है, प्रेम आकर्षण है…
DILAWARSINH
December 31, 2024
प्रेम, प्रताड़ना और मोह – जब समर्पण विवेक हर ले प्रियंवदा, प्रताड़ना शाश्वत है..! प्रताड़ना प्रेम है, प्रेम आकर्षण है…
DILAWARSINH
December 30, 2024
ना कह पाने की मुश्किल – रिश्तों की कुल्हाड़ी दुनिया से भयंकर दुनियादारी है प्रियंवदा..! और इसे तो टाल भी नही सकते।…
DILAWARSINH
December 29, 2024
कुम्भ का बुलावा और ब्रह्मांड की शरारतें अब क्या बताऊँ प्रियंवदा..! आज तो सुबह सुबह ऑफिस पहुँचते ही, सिक्युरिटी गार…
DILAWARSINH
December 28, 2024
जब नाम से किसी की आहट हो – संयोग और संदेह कितना आश्चर्य और सुखद होता है वो क्षण जब हमारे मुंह से किसी का नाम निकले…
DILAWARSINH
December 27, 2024
दिलायरी की डींगें – हर सुबह एक कहानी पधारिए प्रभु, दिलायरी की डींगें जरा ध्यान से पढियेगा। हररोज तो सुबह से ह…
DILAWARSINH
December 27, 2024
दिलायरी | जब बैगन से बैर हुआ और प्रयागराज बुलाने लगा प्रियंवदा ! तुम्हे पता है मैं तुम्हारे नाम से ही शुरुआत क्यों…
DILAWARSINH
December 26, 2024
उपनिवेशवाद से नव-उपनिवेशवाद की यात्रा नव उपनिवेशवाद। उपनिवेशवाद की व्याख्या तो सीधी सी है कि कोई एक देश किसी अन्य …
DILAWARSINH
December 26, 2024
24 दिसंबर की दिलायरी – जब दर्जी लंच पे था और भाषा की क्लास चालू थी आजके दिन की तो क्या कहूँ प्रियंवदा... सुबह बड़ी …
DILAWARSINH
December 25, 2024
રાતના તાપણાંની ઉજાસ શિયાળાની સવાર એમ ને મોટા..! નહીં બાકીની સવાર 'ને શિયાળાની સવારમાં શું તફાવત ભાળ્યો તમે મોટા? કે…
DILAWARSINH
December 25, 2024
प्रियंवदा ! ठुमरी, कचौड़ी और चाय – मेरी सर्दियों की डायरी प्रियंवदा ! सोमवार की अस्तव्यस्त शुरुआत और ठुमरी की संगत…
DILAWARSINH
December 24, 2024
चार्वाक का दर्शन और वर्तमान की विडंबना पीत्वा पीत्वा पुनः पीत्वा, यावत् पतति भूतले। उत्थाय च पुनः प…
DILAWARSINH
December 23, 2024
जब बातें थमती हैं "hmmm" पर एक बात तो माननी पड़ेगी.. आरम्भ है उसका अंत है। कोई भी कैसी भी चर्चा हो, वह अन…
31 दिनों की डायरी, 31 भावनात्मक मुलाक़ातें... यह किताब उन अनकहे एहसासों की आवाज़ है जो हर किसी के दिल में कहीं न कहीं दबे होते हैं। अगर आपने कभी अकेले में अपने आप से बात की हो, तो ये किताब आपके बहुत क़रीब लगेगी।
📖 अब पढ़ें Kindle पर#दिलायरी #HindiDiaryBook #Kindleपर #DilSeLikhiGayi