"विकल्पों की भूलभुलैया में प्रियंवदा की परछाईं" || दिलायरी : ३०/०५/२०२५
May 31, 2025
प्रियंवदा की परछाइयाँ और विकल्पों की उलझन प्रियंवदा ! किसी की आकांक्षा में उसकी परछाइयां अपने आप प्रकटती है। कुछ च…
DILAWARSINH
May 31, 2025
प्रियंवदा की परछाइयाँ और विकल्पों की उलझन प्रियंवदा ! किसी की आकांक्षा में उसकी परछाइयां अपने आप प्रकटती है। कुछ च…
DILAWARSINH
May 31, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 30/05/2025 Time & Mood - 17:27 || सिद्धांतपूर्ण.. अपने दिल से एक सवाल.. प्रिय…
DILAWARSINH
May 30, 2025
जोश में होश नहीं : जब विचारों में उठता है तूफ़ान विषय सूचि : त्रियाचरित्र, त्रासदी और आत्मस्वीकृति का सवेरा गलतियाँ और …
DILAWARSINH
May 30, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 29/05/2025 Time & Mood - 17:02 || लालच से भरपूर.. ज़ख्म - जो मीठा सा लगता है..…
DILAWARSINH
May 29, 2025
मन की सन्नाटी शुरुआत और विचारों की भूलभुलैया प्रियंवदा ! दो तीन बढ़िया बातें दिमाग मे थी लेकिन अभी जो लिखने बैठा हूँ तो …
DILAWARSINH
May 29, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 28/05/2025 Time & Mood - 19 : 03 || सालो पुराने मित्र से बात हुई इस लिए खुश ह…
DILAWARSINH
May 28, 2025
पौने बारह की कहानियाँ: छत, ठंडी हवा और मन पौने बारह बजे आजकल लिखने लेटता हूँ, हाँ क्योंकि इस फोन की कलरनॉट में, छत पर ठ…
DILAWARSINH
May 28, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 27/05/2025 Time & Mood - 19 : 35 || काम के बीच से समय चुरा रहा हूँ.. मेरे ख्य…
DILAWARSINH
May 27, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 26/05/2025 Time & Mood - 23:24 || चोरी-छिपे अतीत में झांकने का.. अगर तुमने पल…
DILAWARSINH
May 27, 2025
गर्मियों की अमावस्या और मेरी डायरी — 26 मई 2025 सुबह की शुरुआत: मंदिर, बाइक और नींद की चोरी प्रियंवदा, शाम के सात बजकर …
DILAWARSINH
May 26, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 25/05/2025 Time & Mood - 11:06 || शोर-शराबे के बिच शांति तलाश रहा हूँ.. आधी-अ…
DILAWARSINH
May 26, 2025
भक्ति से फिल्मी सुरों तक का अचानक बदलाव.. प्रियंवदा ! बड़ी जोर जोर से उत्तर प्रदेश के गाने बज रहे है। 'भौजिया' श…
DILAWARSINH
May 25, 2025
मेरा मन अनियंत्रित है.. कठिन हो गया है आज दिलायरी लिखना.. ऐसा है, मेरा मन अनियंत्रित है। मेरे काबू में कभी-कभार ही रहता…
DILAWARSINH
May 25, 2025
मैं खुद से मिलने निकला हूँ..! Date - 24/05/2025 Time & Mood - 18:26 || पिघल रहा हूँ.. आँखों में जो बात थी.. आँखो…
31 दिनों की डायरी, 31 भावनात्मक मुलाक़ातें... यह किताब उन अनकहे एहसासों की आवाज़ है जो हर किसी के दिल में कहीं न कहीं दबे होते हैं। अगर आपने कभी अकेले में अपने आप से बात की हो, तो ये किताब आपके बहुत क़रीब लगेगी।
📖 अब पढ़ें Kindle पर#दिलायरी #HindiDiaryBook #Kindleपर #DilSeLikhiGayi