
हवा जैसे रिश्ते: जब एहसास मंज़िल नहीं ढूंढते.. || दिलायरी : १६/०५/२०२५

महकते जाते है बागों की तरह.. प्रियंवदा ! कुछ लोग जीवन मे आते है, और रोजमर्रा की जिंदगी में एक अपना हिस्सा बना लेते है। …
महकते जाते है बागों की तरह.. प्रियंवदा ! कुछ लोग जीवन मे आते है, और रोजमर्रा की जिंदगी में एक अपना हिस्सा बना लेते है। …
आत्मविश्वास का एक कारण.. प्रियंवदा ! अपनी चमड़ी का रंग भी आत्मविश्वास का एक कारण बनता है। कुछ लोग अपने आप से ही विश्वास…
सरकारी बसें और कुँवरुभा की कमी.. ChatGPT ke maje lete Dilawarsinh..! यह लंबी दूरी से आती सरकारी बसें क्या कभी भी टाइम …
भावना में बहते प्रधानमंत्री... Apne Hathode ke saath laute Dilawarsinh..! प्रियंवदा ! कल साहब का भाषण सुना था? भाईसाहब …
'हम जीत गए..' Pakistan ki Jeet ke Daave wale chooran ko nakaarte Dilawarsinh..!! अरे कहाँ हो तुम प्रियंवदा..? त…
प्रियंवदा ! क्या हमारे बीच ऐसा कोई सीजफायर हो सकता है? जहां तुम हररोज सीजफायर को वायोलेट करते हुए मेरे सामने प्रकट हो …
शक्ति के आगे तो स्वयं महादेव को.. प्रियंवदा ! एक स्त्री का मनोबल पुरुष से कई ज्यादा होता है। स्त्री ने अगर कुछ निर्धारि…
हफ्ते के आख़िरी हिस्से में थकान ज़्यादा है या ऊर्जा बाकी है? Pakistan Ko RANSHINGAA sunaate Dilawarsinh..! प्रियंवदा ! …
वास्तव में यही भारतीयता है.. Indian Army par Garv karte Dilawarsinh..!!! प्रियंवदा ! हम भारतवासी शायद किसी को समझ नहीं …
पुराने युद्ध और आज की मानसिकता..! प्रियंवदा ! रात को दो बजे मेरी आँख खुल गयी थी..! तभी पता नहीं था की बस आधे घंटे पहले …